Nirmala Sitharaman : केन्द्रीय वित्त और कारपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि देवास मल्टीमीडिया के परिसमापन को बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद उसे एंट्रिक्स देवास सौदे पर सफाई देनी चाहिए। इस मुद्दे पर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय कम्पनी कानून अपीलीय ट्राइब्यूनल और राष्ट्रीय कंपनी कानून ट्राइब्यूनल के देवास मल्टीमीडिया को बंद करने के आदेश को बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि यह एक व्यापक आदेश है।
वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कंपनी कानून ट्राइब्यूनल ने एंट्रिक्स की याचिका पर पिछले वर्ष मई में देवास को बंद करने का आदेश दिया था। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय ट्राइब्यूनल ने पिछले वर्ष सितम्बर में इसकी पुष्टि की थी। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की वाणिज्यिक शाखा- एंट्रिक्स 2005 में यूपीए सरकार के दौरान, देवास के साथ इस समझौते में शामिल हुआ, जो धोखाधडी का सौदा था। यूपीए सरकार ने इसे 2011 में रद्द कर दिया था। इसके बाद देवास अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता में चला गया ।
"Antrix-Devas deal was a fraud by the Congress, of Congress, for Congress."
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) January 18, 2022
- Smt @nsitharaman during a press conference on the Supreme Court judgement on the Antrix-Devas case.
Watch the full press conference: https://t.co/LJElcshUu0 pic.twitter.com/BEZgsGkK96
भारत सरकार ने मध्यस्थता के लिए नियुक्ति नहीं की । उसे इसके बाद 21 दिन के अंदर मध्यस्थता के लिए नियुक्ति करने के लिए कहा गया लेकिन तब भी यह नियुक्ति नहीं की गई। वित्त मंत्री ने कहा कि यह सौदा राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस पार्टी को यह बताना चाहिए कि यह धोखाधडी कैसे हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश से पता चलता है कि यूपीए सरकार इस अनुचित सौदे में शामिल थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार हर अदालत में इसके लिए लडती रही है ताकि देवास धोखाधडी के इस सौदे में छूट न जाए। उन्होंने कहा कि परिसमापक की नियुक्ति की जा चुकी है और समापन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए सरकार करदाताओं का धन बचाने के लिए लड रही है, जो अन्यथा एंट्रिक्स देवास सौदे की ओर जाता।
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