UP assembly election 2022 : प्रचार में आई तेजी, दलों का वर्चुअल बैठकों का दौर भी शुरू

UP assembly election 2022 : प्रचार में आई तेजी, दलों का वर्चुअल बैठकों का दौर भी शुरू


UP assembly election के पहले चरण के लिए नामांकन भरने की प्रक्रिया 14 जनवरी से शुरू हो चुकी है लेकिन अभी इसमें तेजी आना बाकी है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपनी चुनावी रणनीतियों और उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं। राज्य में सात चरणों में 10 फरवरी से 7 मार्च तक मतदान होना है।



राज्‍य में कल शाम तक कुल 36 नामांकन दाखिल किए गए। 21 जनवरी तक पर्चे दाखिल किए जा सकेंगे जबकि 24 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 27 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। इसके बाद ही इस चरण में चुनावी मुकाबले की तस्वीर साफ हो पाएगी। इस चरण में 11 जिलों की 58 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 10 फरवरी को मतदान होगा। इसमें अनुसूचित जाति के लिए नौ सीटें सुरक्षित हैं। ये जिले शामली (प्रबुद्ध नगर), मेरठ, हापुड़ (पंचशीलनगर), मुजफ्फरनगर, बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, गौतम बुद्ध नगर और मथुरा हैं।


इस बीच, इन क्षेत्रों में चुनावी गतिविधियां जोर पकड़ने लगी हैं। दलों के नेता पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं तक पहुंचने के लिए संचार के विभिन्न माध्यमों का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। निवार्चन आयोग कोविड और ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुरक्षित मतदान पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।



निर्वाचन आयोग ने पांचों चुनावी राज्यों में इस महीने की 22 तारीख तक रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध को बढ़ा दिया है। आयोग ने राजनैतिक दलों को कुछ छूट देते हुए हॉल के अंदर की जाने वाली बैठक में अधिकतम तीन सौ या हॉल में बैठने की सीटों की क्षमता के 50 प्रतिशत के बराबर या राज्‍य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित सीमा में लोगों के उपस्थित होने की अनुमति दी है।


आयोग ने राजनैतिक दलों को निर्देंश दिया है कि वे आदर्श चुनाव आचार संहिता और कोविड दिशा-निर्देंशों का पालन अवश्य करें। आयोग, स्थिति की समीक्षा करने के बाद आवश्‍यकतानुसार और निर्देंश जारी करेगा। राजनीतिक दलों को सलाह दी गई है कि वे जितना हो सके डिजिटल माध्यम से अपने अभियान का संचालन करें। उम्मीदवारों द्वारा घर-घर चुनाव प्रचार के लिए अधिकतम पांच व्यक्तियों को अनुमति दी गई है। यदि कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल किसी भी दिशा-निर्देश का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


आयोग ने इन चुनावों के दौरान दूरदर्शन और आकाशवाणी पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को आवंटित प्रसारण समय को बढ़ाने का भी फैसला किया है।

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