श्रीराम सेन सिलवानी
महाशिवरात्रि के अवसर पर चैनपुर पुस्वर धाम में चल रहे सात दिवसीय ज्ञान यज्ञ महापुराण का विशाल आयोजन किया जा रहा है
रमन शाह उइके द्वारा महापुराण का वचन किया जा रहा है रमन शाह जी ने परिवारके देवी और देवता के रूप में अपने पूर्वजों की जीवात्मा को स्थापित करने का रिवाज गोंड आदिवसी समाज की मूल परंपरा है परिवार के माता पिता देवी-देवता को घर के अंदर, जहां परिवार के सदस्यों के अलावा अन्य लोगों का कम आना-जाना हो, ऐसे पृथक एवं छोटे कमरे में स्थापित किया जाता है देवालय पेन ठाना कक्ष परिवार के मुखिया दादा, परदादा, बड़े पिता, बड़े भाई) किसी एक के घर में स्थापित होता है
माता-पिता का जैसा व्यवहार होता है, वही व्यवहार हमारे पूर्वज देवी देवताओं द्वारा हमारे साथ किया जाता है जिस तरह माता पिता प्रत्यक्ष रूप में सम्पूर्ण परिवार की रक्षा करते हैं उसी तरह भौतिक देह को त्यागने के पश्चात भी उनकी जीवात्मा माता पिता के स्वरुप में अप्रत्यक्ष रूप से परिवार की रक्षा करते हैं वे ही परिवार के पूर्वज माता-पिता हैं माता पिता पूर्वज देवी देवता के साथ और भी देवी देवताओं की स्थापना घर में की जाती है, जो हमारे जीवन में उपयोगी हैं
जैसे बूढ़ीदाई अन्न दाई अन्नपूर्णा पंडा पंडिन रोग-दोष कलह-बाधाओं का निराकरण दूर करने वाले), दुल्हा-दुलही देव विवाह संस्कार के देव सगा-सेरमी परिवार के बाल-बच्चों के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित किए जाने वाले सगा देव विवाह सांस्कारिक संबंध के देवमुख्य द्वार पर स्थापित नारायण देव गौशाला में सांड-सांडीन आदि घर आँगन, गौशाला के देवी-देवता है इसी प्रकार खेत-खलिहान में भी ग्राम देवताओं के स्वरुप विद्दमान होते हैं, जिनकी पूजा खलिहान कार्य के अंत में किया जाते हैं ।
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